गोरखपुर में रहने वाले 83 वर्षीय महिला की 25 अप्रैल को बाथरूम में गिर जाने की वजह से ब्रेन हेमरेज हो गया जिसकी वजह से शरीर के दाहिने हिस्से में कमजोरी महसूस होने लगी Iशरीर सुन्न होने लगा, सांस लेने में दिक्कत हुई। परिवार तनाव में आ गया, क्योंकि मरीज पुरानी दिल की रोगी भी थी
इस परिवार उन्हें गोरखपुर,मेडिकल कॉलेज रोड पर स्तिथ सीधे सिटी सुपर स्पैशलिटी हॉस्पिटल ले गया। यहां सीटी स्कैन करने पर पता चला कि मरीज को ब्रेन हेमरेज़ हो गया है I तत्काल ऑपरेशन करने का फैसला लिया जाना था , लेकिन मरीज की ज्यादा उम्र और पुरानी दिल की बीमारी चिंता बढ़ा रही थी, क्योंकि ज्यादा उम्र में ब्रेन सर्जरी के सफल होने की संभावना कम ही रहती है और दिल के मरीज को खून को पतला करने वाली दवा चल रही थी, जिस वजह से तुरंत ऑपरेशन करना असंभव था ।तुरंत ऑपरेशन करने पर अत्यधिक रक्त रिसाव की वजह से मरीज की जान को खतरा था I डॉक्टर्स ने परिवार की काउंसलिंग की और मरीज को भर्ती कर पहले दिल से संबन्धित बीमारी को कंट्रोल करके बाद में ऑपरेशन करने का फैसला लिया गया… इस डाक्टरों की टीम के मुखिया और न्यूरोसर्जन डॉ. सौरभ श्रीवास्तवा ने बताया कि सर्जरी तो कई की, लेकिन इस केस में अलग ही चुनौती थी। एक तो पेशेंट की उम्र 83 वर्ष ,पुरानी दिल की बीमारी और मरीज के दाहिने हिस्से में कमजोरी का बढ़ते जाना । इसलिए हमने ‘इमरजेंसी रेस्पॉन्स’ के तहत त्वरित उपचार देने की प्रक्रिया शुरू की। टीम में शामिल सभी डॉक्टर्स से चर्चा के बाद मरीज़ के भर्ती होने के छह दिन बाद ब्रेन की सर्जरी की गई, जो कि करीब डेढ़ घंटे चली। सर्जरी सफल रही, लेकिन देखना यह था कि इसके बाद सब ठीक रहे। सुबह सब ठीक रहा और आॅक्सीजन भी हटा दी। डॉक्टर्स ने बताया कि सर्जरी के बाद मरीज को चार दिन तक ऑब्जर्वेशन में रखा और 4 मई को डिस्चार्ज किया।
डॉ.सौरभ श्रीवास्तवा के मुताबिक ट्रॉमा एवं इमरजेंसी विभाग में अनोखा केस था, जिसमें मरीज की उम्र अधिक थी,दिल की बीमारी भी थी I इमरजेंसी टीम में कार्डियाे एक्सपर्ट डॉ गौरव नारायण गुप्ता ,मेडिसिन विभाग से डॉ ऐ के मल्ल व एनेस्थेटिक डॉ विकास नारायण सिंह शामिल थे।
मरीज के परिजनों का कहना है कि डॉक्टर्स ने मेहनत की और ब्रेन की सफल सर्जरी करके बता दिया कि गोरखपुर में भी बेस्ट डॉक्टर्स हैं।’
