मुंबई. साल 1999 में बीबीसी के एक सर्वे में फिल्म ‘शोले’ को ‘फिल्म ऑफ द मिलेनियम’ बताया गया था. मुंबई के मिनावरा थियेटर में ये फिल्म लगातार 5 साल (1975-1980) तक चलती रही थी. डायरेक्टर रमेश सिप्पी की 1975 में रिलीज हुई फिल्म शोले ने बॉलीवुड का चेहरा बदल दिया. इसी फिल्म से कमर्शियल फिल्मों की सफलता के बाद डबल स्टैंडर्ड बन गया.
अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र स्टारर इस फिल्म ने इतने रिकॉर्ड बनाए कि आज भी कई रिकॉर्ड कई सौ करोड़ कमाने वाली फिल्में भी नहीं तोड़ पाईं हैं. लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि शोले फिल्म रिलीज होते ही थियेटर्स सूने पड़ गए थे. फिल्म का परिणाम फ्लॉप घोषित ही होने वाला था कि कहानी के लेखक सलीम-जावेद की एक तिकड़म काम आ गई. सलीम जावेद ने एक तिकड़म लगाई और फिल्म का भविष्य बदल गया. बाद में जाकर इस फिल्म ने बॉलीवुड में कई इतिहास रचे हैं.
सलीम जावेद ने लगाई थी ये तिकड़म
1975 में रिलीज हुई ये फिल्म महज 3 करोड़ रुपये के बजट से बनी थी. बाद में इस फिल्म ने वर्ल्ड वाइड 50 करोड़ रुपयों की कमाई की थी. साथ ही इस फिल्म ने ऐसा इतिहास रचा था कि आज भी कई रिकॉर्ड नई फिल्में नहीं तोड़ पाईं हैं. इस फिल्म के साथ एक और रिकॉर्ड दर्ज है. फिल्म की कहानी लिखने वाली लेखकों सलीम खान और जावेद अख्तर (सलीम-जावेद) की जोड़ी को भी 10 हजार रुपये फीस दी गई थी. ये भी उस समय अपने आप में एक रिकॉर्ड था. जावेद अख्तर ने खुद इसकी जानकारी एक इंटरव्यू में दी थी.
खुद बताई थी पूरी बात
जावेद ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था, ‘ये सच है कि रिलीज होने के बाद फिल्म के रिव्यू अच्छे आए थे. इसके बाद भी सिनेमाघरों में फिल्म का कई खास असर नहीं दिख रहा था. लेकिन मैं और सलीम साहब फिल्म को लेकर बहुत कॉन्फिडेंट थे. हमने एक तिकड़म भिड़ाई और अखबार में विज्ञापन दिया कि हर टेरेटरी से फिल्म की 1 करोड़ की कमाई हो रही है. इसका अच्छा असर भी हमें देखने को मिल रहा था. हालांकि ये आंकड़ा उतना ठीक नहीं था. हमने ऐसे ही फिल्म को पब्लिश करने के लिए विज्ञापन दिया था.’ इस विज्ञापन के बाद भी फिल्म पर अच्छा असर पड़ा और आज शोले फिल्म एक गौरवमयी इतिहास बन गई है.
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FIRST PUBLISHED : April 25, 2023, 21:35 IST